URL क्या होता है और कैसे काम करता है GK In Hindi General Knowledge : अगर आप किसी वेबसाइट के साथ काम करते हैं या इसके बारे में जानते हैं तो आपको ये जरूरत पता होगा कि यूआरएल (URL Full Form) क्या होता है ? वो कैसे काम करता है ? लेकिन ऐसे कई लोग हैं जो किसी भी वेबसाइट के साथ काम करते होंगे या इस बारे में जानने की कोशिश करते होंगे कि आखिर ये यूआरएल (URL) क्या होता औप वो कैसे काम करता है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि वो क्या होता और कैसे काम करता है।
यूआरएल क्या होता है और कैसे काम करता है | GK In Hindi General Knowledge
यूआरएल क्या होता है और कैसे काम करता है | GK In Hindi General Knowledge
URL का फुल फॉर्म (URL Full Form) क्या होता है ?
यूआरएल (URL Full Form) का फुल फॉर्म Uniform resources locator होता है।
URL क्या होता है ?
यूआरएल (URL) वेब एड्रेस (Web address) या डोमेन नेम (Domain name) यह किसी विशिष्ट फाइल (Specific file), डायरेक्टरी (Directory) या वेबसाईट (Website) के पेज का एक एड्रेस होता है। जैसे उदहारण के लिए– https://shorts.srbpost.com/ इसे ही यूआरएल (URL) कहा जाता है। आमतौर पर वेबसाईट का एड्रेस वेब साइट के होम पेज को रिप्रेजेंट करता है।
किसी भी वेबसाईट का एड्रेस प्रोटोकॉल, डोमेन नेम के साथ आरंभ होता है और डोमेन कोड के साथ समाप्त होता है, क्योंकि हम यूआरएल वर्ड का इतस्तेमाल ज्यादातर इंटरनेट को इस्तेमाल करते समय करते है, तो सिर्फ वर्ल्ड वाइड वेब (world wide web) पर ही यूआरएल (URL) होता है। यह कहना सही नहीं होगा क्योंकि URLs किसी स्थानीय नेटवर्क संसाधन (local network resource) पर भी पॉइंट कर सकता है। जैसे- डेटाबेस (Database), स्थानीय रूप से होस्टेड (Locally) और वेबसाइट (Website) आदि।
URL की खोज किसने की थी ? GK In Hindi
अब तो आप लोग ये जान ही गए होंगे कि यूआरएल (URL) क्या होता है, तो अब ये भी जान लिजिए कि इसकी खोज किसने की थी। दरअसल, इसकी खोज टिम बैरनर्स ली (Tim Berner Lee) ने साल 1914 में की थी।
यूआरएल के कितने भाग होते हैं ?
यूआरएल (URL) तीन भागों से मिलकर बनता है। यूआरएल तीन भागों में बटा हुआ होता है।
1). प्रोटोकॉल पदनाम (Protocol Designation)
2). पता या होस्ट नाम (Address Or Host Name)
3). संसाधन स्थान (Resource Location) यानी कि फाइल (file)
URL कैसे काम करता है ? General Knowledge
यूआरएल (URL) को यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform Resource Locator) भी कहा जाता है। हर डोमेन नेम (Domain Name) का एक यूनिक आईपी एड्रेस (Ip Address) होता है, जो न्यूमेरिकल होता है। जैसे- www.google.com का आईपी एड्रेस 64.233.167.99 है, तो जैसे ही हम अपने ब्राउजर में किसी वेबसाईट का यूआरएल टाइप करते हैं तब हमारा ब्राउजर उस यूआरएल को डीएनस की सहायता से उस डोमेन नेम के आईपी एड्रेस में बदल देता है और उस वेबसाईट तक पहुंच जाता है जो हमने सर्च की थी।
यूआरएल में कैरेक्टर्स का इस्तेमाल
कोई भी मान्य यूआरएल स्ट्रिंग (Valid URL String) में अक्षरांकीय वर्ण (Alphanumeric Characters)और !$-_+'() जैसे कैरेक्टर्स हो सकते है, लेकिन अंतरिक्ष की अनुमति (Space Allow) नहीं होता है।
हाइपरटेक्स्ट और HTTP के साथ, URL वेब की प्रमुख अवधारणाओं में से एक है। यह वेब पर किसी भी प्रकाशित संसाधन को पुनः प्राप्त करने के लिए ब्राउज़र द्वारा उपयोग किया जाने वाला तंत्र है। URL का मतलब यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर है। एक यूआरएल वेब पर किसी दिए गए अद्वितीय संसाधन के पते से ज्यादा कुछ नहीं है। सिद्धांत रूप में, प्रत्येक मान्य URL एक अद्वितीय संसाधन की ओर इशारा करता है।
GK In Hindi General Knowledge ऐसे संसाधन एक HTML पृष्ठ, एक CSS दस्तावेज़, एक छवि, आदि हो सकते हैं। व्यवहार में, कुछ अपवाद हैं, सबसे आम एक ऐसे संसाधन की ओर इशारा करने वाला URL है जो अब मौजूद नहीं है या जो स्थानांतरित हो गया है। चूंकि यूआरएल और यूआरएल द्वारा प्रस्तुत संसाधन को वेब सर्वर द्वारा नियंत्रित किया जाता है, यह वेब सर्वर के मालिक पर निर्भर करता है कि वह उस संसाधन और उससे जुड़े यूआरएल को सावधानी से प्रबंधित करे।
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